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1 | मंगलाचरण, पुज्य गुरुदेवश्री तथा पुज्य बहेनश्रीका मांगलिक |
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2 | भक्ति (सखी देख्युं कौतुक आज..) |
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3 | पुज्य बहिनश्रीका जीवन परिचय |
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4 | भक्ति (आवो पधारो भवीना जिनराज रे...) |
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5 | वचनाम्रुत बोल नं. १ से ५० |
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6 | भक्ति (विदेहवासी कहानगुरु..) |
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7 | वचनाम्रुत नं. ५१ से १०० |
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8 | भक्ति (आज मगळ मंदिर द्वार खुल्या..) |
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9 | वचनाम्रुत नं. १०१ से १६५ |
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10 | भक्ति (जन्म वधाइना रे..) |
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11 | वचनाम्रुत नं. १६६ से २०२ |
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12 | भक्ति (मंगलकारी तेजदुलरी..) |
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13 | वचनाम्रुत नं. २०३ से २५० |
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14 | भक्ति (आवी श्रावणनी बीजलडी) |
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15 | वचनाम्रुत नं. २५१ से ३०० |
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16 | भक्ति (कुंवरीने खमा खमा करती..) |
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17 | वचनाम्रुत नं. ३०१ से ३५० |
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18 | भक्ति (जन्म वधामणा हो राज..) |
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19 | वचनाम्रुत नं. ३५१ से ३८० |
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20 | भक्ति (मेरा मनडा मांही गुरुदेव रमे..) |
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21 | वचनाम्रुत नं. ३८१ से ४१० |
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22 | भक्ति (मारा जीवनतणी शुद्ध शेरीए) |
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23 | वचनाम्रुत नं.४११ से ४३२ एवं ब्र. श्री चंदुभाइके भक्तिभीगे उदगार |
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24 | भक्ति (मारा मंदिरियामां त्रिशलानंद पधारिया) |
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