1 |
पुज्य गुरुदेवश्री तथा पुज्य बहेनश्रीनुं मांगलिक |
|
(10.14 MB)
|
2 |
टाइटल |
|
(5.03 MB)
|
3 |
पुज्य गुरुदेवश्रीनी ९५मी जन्मजयंती प्रसंगे प्रसादी आपवा क्रुपा करशो |
|
(Unknown)
|
4 |
पुज्य गुरुदेवश्रीए स्वनुभूतिनुं खुब ज माहात्म बताव्युं छे तो ते स्वानुभूति केम थाय? |
|
(Unknown)
|
5 |
आवुं समजाय छ्तां काम न थाय तेमां तत्व-रूचिनी खामी के वैराग्यनी खामी? |
|
(Unknown)
|
6 |
आत्मामां ज संतोष थाय तेवी प्रतीति जीवने केवी रीते थाय? |
|
(Unknown)
|
7 |
जेम उपादान माटे निमित्त अकिचित्कर छे तेम सामान्य पण विशेष माटे अकिचित्कर छे? |
|
(Unknown)
|
8 |
'हुं ज्ञायक छुं' 'हुं ज्ञायक छुं'...एम नक्की करिए छीए, ज्ञायकमां प्रयाग करवा जइऐ छीऐ |
|
(Unknown)
|
9 |
आगम व्यवहार अने अध्यात्म व्यवहारमां शुं तफावत छे? |
|
(Unknown)
|
10 |
द्रव्य सामान्यने प्रसिद्ध करनार द्रव्य विशेष छे, |
|
(Unknown)
|