पुज्य बहेनश्रीनी अम्रुतवाणी

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101 ज्ञानीमां भक्तिमां जोडाय त्यारे समभाव होय? FLV FLV (Unknown)
102 एकधारो प्रयास करे तो प्राप्त थाय ज.. FLV FLV (Unknown)
103 ज्ञानमां जे जाणवानो प्रकार छे तेनो निषेध करवामां आवे तो एमां लाभ शो थाय? नुकशान शुं थाय? FLV FLV (Unknown)
104 निर्विकल्प वखते,पुरुषार्थगुणनी प्रधानताथी पूणेपणे जाणे के अधूरारूपे जाणे? FLV FLV (Unknown)
105 ज्ञाननां पडखां तो ख्यालमां आवे छे पण द्रष्टि शुं छे ते ख्यालमां आवतुं नथी? FLV FLV (Unknown)
106 पुज्य बहेनश्रीनी सहज वाणी (प्रतिज्ञा विषे..) FLV FLV (Unknown)
107 अनुभव पहेलां सविकल्प निर्णयनुं साचुं स्वरूप शुं छे? FLV FLV (Unknown)
108 रुचि केम पकटाय? FLV FLV (Unknown)
109 अनुभव पहेलां यथार्थ निर्णय आववो जोइए? FLV FLV (Unknown)
110 ज्ञाननय अने क्रियानयनी मैत्रीनुं स्वरूप शुम छे? FLV FLV (Unknown)