No. | Subject | Play | Download |
---|---|---|---|
211 | ज्ञानीना बधा भाव ज्ञानमय अने अज्ञानीना बधा भाव अज्ञानमय एम केम? |
![]() |
![]() |
212 | 'ॐ' नो अर्थ समजावशो? |
![]() |
![]() |
213 | श्रीमदजीना पुस्तक प्रकाशन विषे वातचीत |
![]() |
![]() |
214 | पुज्य गुरुदेवश्रीनां वचनाम्रुत बोल १६२ विषे |
![]() |
![]() |
215 | पुज्य गुरुदेवश्रीनां वचनाम्रुतमां ब्र.चंदुभाइ तथा मामानी महेनत |
![]() |
![]() |
216 | पुज्य गुरुदेवश्रीनी वाणीनो प्रवाह सारी रीते बराबर चालु रहे |
![]() |
![]() |
217 | सम्यग्दर्शनथी ज बधी सिद्धि! |
![]() |
![]() |
218 | सम्यग्दर्शन ऐटले पोताना स्वरुपनुं दर्शन? |
![]() |
![]() |
219 | पुज्य गुरुदेवश्रीना वचनाम्रुत बोल २१८मां आवे छे एकला विकल्पथी तत्त्वविचार कर्या |
![]() |
![]() |
220 | नियमसार प्रतिक्रमण अधिकारमां (गाथा २२मां आवे छे तेम) |
![]() |
![]() |