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251 | अस्तित्वनुं भावभासन थाय के वेदनमां आवे? |
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252 | जिज्ञासु दशामां पण यथार्थ निर्णय करी शके छे? |
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253 | सम्यकज्ञान प्रगट करवा माटे भेदज्ञाननी वात आवे छे |
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254 | पात्र जीवना मुख्य लक्षण संबंधी मार्गदर्शन आपशो? |
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255 | एक समयनी ज्ञाननी पर्याय ने कोइ वखत ज्ञेय कहेवामां आवे छे |
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256 | आ खुलासो बहु सरस छे |
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257 | पुज्य गुरुदेवश्रीनां प्रथम दर्शन आपने संप्रदायमां क्यारे थयेला? |
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258 | समयसार अने प्रवचनसार...पुज्य गुरुदेवश्री पासेथी बहु सांभळ्युं |
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