पुज्य बहेनश्रीनी अम्रुतवाणी

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21 समयसार आस्त्र अधिकारना कळ्श नें.१२२ मां कह्युं छे.. "तजे शुद्ध-नय बंध छे अने शुद्धनय ग्रहणथी मोक्ष छे'' FLV FLV (Unknown)
22 समयसार कळ्श नें.१०४ मां आवे छे .."सर्व कर्मोनो निषेध करवामां आवतां निष्क्रर्म अवस्थावाळा मुनिओ FLV FLV (Unknown)
23 (समयसार कळश १४४)मां आवे छे के हुं अचित्य शकितवाळो स्वभाव छुं FLV FLV (Unknown)
24 रूचिका पोषण ओर तत्वका घुंटळ" FLV FLV (Unknown)
25 आपके शरणमे आये हें तो पुरुषार्थकी कमी भी दुर हो जाएगी ऐसा हमे विश्वास है FLV FLV (Unknown)
26 सम्यग्दर्शनके पहले आत्मप्राप्तिक तलब कैसी है? FLV FLV (Unknown)
27 अज्ञानी पासे स्वरूप साधवा माटे वर्तमानमां कोइ साधन छे? FLV FLV (Unknown)
28 ज्ञान स्व-परप्रकाशक है तो सम्यग्दर्शन पानेके पहले ज्ञान अपनी तरफ क्यों नही आता? FLV FLV (Unknown)
29 समयसार कलश २५१मां आवे छे..अज्ञानी ने ज्ञेयाकारो नथी जोइता FLV FLV (Unknown)
30 पुज्य गुरुदेवश्री निश्चयनयने सदा मुख्य फरमावता हता अने आगममां क्यारेक निश्चयने मुख्य अने क्यारेक व्यवहार मुख्य दर्शावे छे. FLV FLV (Unknown)