पुज्य बहेनश्रीनी अम्रुतवाणी

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31 द्रष्टिमां आत्मा रहे ऐटले शु? आखो दिवस त्यां ज उपयोग रहे? FLV FLV (Unknown)
32 आवुं (निश्चय अने व्यवहारनुं यथार्थ स्वरूप )समजवाथी आत्मानी तीखी रूचि कइ रीते थाय FLV FLV (Unknown)
33 (निश्चय अने व्यवहारनुं यथार्थ स्वरूप जांणतो) आमाम साथे साथे उपकारी सत्पुरूषनो महिमा आवी जाय छे? FLV FLV (Unknown)
34 आगममां ठेर ठेर सम्यग्दर्शनना लक्षण तरीके सात तत्वना यथार्थ श्रद्धानने ज महत्व आप्युं छे FLV FLV (Unknown)
35 ज्ञानीनी दशा..ज्ञानीना सहज पुरुषार्थ विषे पुज्य बहेनश्रीना सहज उदगार FLV FLV (Unknown)
36 जेम ज्ञान अने चारित्र कहेता कोंइ तेनो आछो पातळो भाव पकडाय छे FLV FLV (Unknown)
37 ज्ञानीने सन्यग्दर्शनमां अंतरंग निमित्त कहेवाय छे तेमां शो आशय छे? FLV FLV (Unknown)
38 भेदज्ञान जे थाय छे ते सामान्य राग परिणितिथी थाय छे ? के उढतां विकल्पोथी थाय छे? FLV FLV (Unknown)
39 ज्ञायकधारानी शरूआत छे ते प्रयत्नपुर्वकना विकल्पथी ज थाय छे? FLV FLV (Unknown)
40 'भेदज्ञान त्यां सुधी भाववुं के ज्यां सुधी ज्ञान ज्ञानमां स्थित न थाय' ते समजावशो FLV FLV (Unknown)