पुज्य बहेनश्रीनी अम्रुतवाणी

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71 राग अने ज्ञान जुदा छे ऐटलुं जाणे तो ते पूरतुं थइ रहे FLV FLV (Unknown)
72 सम्यग्दर्शन-चारित्र-सर्वज्ञदेव-त्रिकाळी स्वभाव आ चार विषे.. FLV FLV (Unknown)
73 सम्यग्दर्शन धर्मनुं मुळ छे के चारित्र ते खरेखर धर्म छे? FLV FLV (Unknown)
74 जीवने सुख जोइऐ छे, तो चैतन्यनी मुळ ऋद्धि सुख छे के ज्ञान छे? FLV FLV (Unknown)
75 सम्यगज्ञानीने निरंतर ज्ञानधारा होय छे.उपयोग बहारमां होइ त्यारे पण भेदज्ञाननी धारा चालु छे FLV FLV (Unknown)
76 अनंतकाळथी जे सम्यग्दर्शन पाम्या नहि, ते पामवा माटे तो अत्यारे पुरुषार्थ क्यांथी काढवो? FLV FLV (Unknown)
77 शुद्धात्मानुं अवलंबन अभिप्रायमां थाइ छे? ज्ञानमां रहे छे? FLV FLV (Unknown)
78 ऐकवार अनुभूति प्राप्त थया पछी नय,निक्षेप,प्रमाणनी कांइ जरुर खरी? FLV FLV (Unknown)
79 श्रीमदजीऐ कह्युं छे के "सत्संग विना ध्यान तरंगरुप थइ जाय छे" FLV FLV (Unknown)
80 आजनो दिवस महामंगळ छे, आजे आपे शुद्धात्मस्वरुपी भगवान आत्माना साक्षात् दर्शन कर्या FLV FLV (Unknown)